शहद एक गुणकारी औषधि !!
शहद प्रकृति की एक अनुपम देन है। मानव शरीर को स्वस्थ एवं कान्तिमय बनाने में शहद की विशेष उपयोगिता है। इसमें जो रासायनिक पदार्थ होते हैं, मानव शरीर की दृष्टि से अत्यन्त महत्व के हैं। शहद में फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, मालटोज, ड्रेक्सट्रिन्स, गोंद, मोम तथा क्लोरोफिल के साथ-साथ विटामिन-ए, बी-6, बी-12 तथा विटामिन-सी बी होती है। इसके अलावा शरीर के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ लोहा, ताम्बा, मैगनीज, सिलिका, कैल्शियम, सोडियम, फास्फोरस, गंधक, आयोडीन तथा एंटीसेप्टिक तत्व भी प्रकृति के इस अनुपम उपहार में उपलब्ध होते हैं। शहद के इन्हीं गुणों के कारण स्वास्थ्यवर्ध्दक एवं एक गुणकारी दवा के रूप में प्रीचानकाल से
जानिए शहद के 10 मुख़्य गुण जो रखें आपको फिट !
शहद प्रकृति की एक अनुपम देन है। मानव शरीर को स्वस्थ एवं कान्तिमय बनाने में शहद की विशेष उपयोगिता है। इसमें जो रासायनिक पदार्थ होते हैं, मानव शरीर की दृष्टि से अत्यन्त महत्व के हैं। शहद में फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, मालटोज, ड्रेक्सट्रिन्स, गोंद, मोम तथा क्लोरोफिल के साथ-साथ विटामिन-ए, बी-6, बी-12 तथा विटामिन-सी बी होती है। इसके अलावा शरीर के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ लोहा, ताम्बा, मैगनीज, सिलिका, कैल्शियम, सोडियम, फास्फोरस, गंधक, आयोडीन तथा एंटीसेप्टिक तत्व भी प्रकृति के इस अनुपम उपहार में उपलब्ध होते हैं। शहद के इन्हीं गुणों के कारण स्वास्थ्यवर्ध्दक एवं एक गुणकारी दवा के रूप में प्रीचानकाल से
जानिए शहद के 10 मुख़्य गुण जो रखें आपको फिट !
1. शहद हल्का व शीघ्र पचने वाला एक द्रव्य है, शहद पेट में पहुंचते ही पचकर रक्त में मिल जाता है तथा शरीर को त्वरित गति से आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। इसके नियमित प्रयोग से शक्ति, स्फूर्ति तथा ताजगी मिलती है तथा शरीर को रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है।
2. शारीरिक थकावट को तत्काल दूर करने के लिए शहद और नींबू का शरबत एक अनुपम पेय है। मौसम तथा स्थान की भिन्नता के अनुसार इसके स्वाद तथा रंग में भिन्नता हो सकती हैं पर गुण की दृष्टि से सब शहद एक ही तरह का होता है।
3. शहद श्वसन तंत्र, नेत्र, पाचनतंत्र तथा त्वचा संबंधी अनेक विकारों को दूर करता है तथा शरीर में बल तथा आयु की वृध्दि करता है।
4. शहद में पोर्टेशियम की मात्रा होने के कारण इसके प्रयोग से टाइफाइड, निमोनया आदि रोगों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। रक्त की कमी तथा रक्त विकारों का दूर करने के साथ सियार, कुत्ता तथा बिच्छू आदि के काटे हुए स्थान पर शहद का लेप लगाने तथा खाने से आराम मिलता है।
5. आग से जले अंगों पर शहद के लेप से जलन की पीड़ा कम होती है, फफोले नहीं आते तथा जलने के दाग भी मिट जाते हैं। घाव तथा जख्मों पर इसकी पट्टी लगाने से घाव शीघ्र ही ठीक हो जाता है, क्योंकि शहद में नमी सोखने का एक अद्भुत गुण होता है।
6. मोतियाबिन्द तथा रतौंधी जैसे आंख के रोगों में शहद का आंजन लगाने से इन रोगों से बचाव होता है तथा रोग दूर होता है।
6. मोतियाबिन्द तथा रतौंधी जैसे आंख के रोगों में शहद का आंजन लगाने से इन रोगों से बचाव होता है तथा रोग दूर होता है।
7. हृदय से शक्ति देने में शहद का महत्वपूर्ण उपयोग है। स्युविक संस्थान की दुर्बलता को भी यह दूर करता है। इसके नियमित प्रयोग से टूटी हड्डी शीघ्र ही जुड़ जाती है। फेफड़ों के रोग जैसे ब्रोन्काइटिस, निमोनिया, टी.बी., दमा आदि में भी शहद उपयोगी है। दमा के रोगियों को शहद के सेवन से विशेष लाभ मिलता है।
8. इससे खांसी में आराम के साथ कफ की तीव्रता भी कम हो जाती है। इसके अलावा भी शहद के बहुतेरे लाभ हैं।
8. इससे खांसी में आराम के साथ कफ की तीव्रता भी कम हो जाती है। इसके अलावा भी शहद के बहुतेरे लाभ हैं।
9. शहद के प्रयोग से धूम्रपान की इच्छा भी नियंत्रित हो जाती है।
10. शहद खाने से बच्चों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा दूसरे वर्ग की अपेक्षा कहीं अधिक होती है। इसके साथ बच्चों का वजन तथा विकास भी दूसरे वर्ग के बच्चों की अपेक्षा अधिक होता है।
10. शहद खाने से बच्चों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा दूसरे वर्ग की अपेक्षा कहीं अधिक होती है। इसके साथ बच्चों का वजन तथा विकास भी दूसरे वर्ग के बच्चों की अपेक्षा अधिक होता है।
शहद एक औषधि रूप द्रव है, इसलिए इसका प्रयोग उचित मात्रा में ही किया जाना चाहिए अन्यथा हानि हो सकती है। घी, तेल तथा चिकने पदार्थों के साथ शहद की समान मात्रा वर्जित मानी गई है, क्योंकि यह विष बन जाता है। शहद से होने वाले नुकसान को नींबू का सेवन दूर करता है।
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