Friday, 26 December 2014

पथरी का घरेलु और आसान उपचार व दवाइयाँ !!!


    पथरी का घरेलु इलाज !!  


किसी प्रकार से पेशाब के साथ निकलने वाले क्षारीय तत्व किसी एक स्थान पर रुक जाते है,चाहे वह मूत्राशय हो,गुर्दा हो या मूत्रनालिका हो,इसके कई रूप होते है,कभी कभी यह बडा रूप लेकर बहुत परेशानी का कारक बन जाती है,पथरी की शंका होने पर किसी प्रकार से डाक्टर से जरूर चैक करवा लेना चाहिये। 

पथरी घरेलू उपचार इस प्रकार से है।

१. जो भी पथरी के मरीज है, उन्हें  चुना नहीं खाना  चाहिए ,चुने को लोग पान मे मिलाकर खाते है, क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे केल्शियम है मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है, उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे केल्शियम है, लेकिन वो शरीर मे पच नहीं रहा।  इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए। 

२. 
पथरी के मरीज को कुर्थी का दाल खाना चाहिए। कुर्थी का दाल पथरी को धीरे - धीरे पिग्ला कर निकाल देता है। ये दाल आसानी से पुराने किराना दुकान पर मिल जायेगा नहीं तो जड़ी - बूटी के दुकान पे मिलेगा। 

३ . पथरी के मरीज को साफ़ पानी जैसे की फ़िल्टर वाटर या आर ओ का पानी अधिक मात्र में पीना चाहिए। साफ़ पानी और जड़ा पानी पिने से पथरी बढ़ता नही है और धीरे - धीरे निकल जाता है। 

४. पथरी को गलाने के लिये अध उबला चौलाई का साग दिन में थोडी थोडी मात्रा में खाना हितकर होता है,इसके साथ आधा किलो बथुए का साग तीन गिलास पानी में उबाल कर कपडे से छान लें,और बथुये को उसी पानी में अच्छी तरह से निचोड कर जरा सी काली मिर्च जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर इसे दिन में चार बार पीना चाहिये,इस प्रकार से गुर्दे के किसी भी प्रकार के दोष और पथरी बाली बीमारी के लिये दोनो साग बहुत उत्तम माने गये है।

५. दो चुकन्दर लेकर उन्हे आयु के अनुसार पच्चीस से पचास प्रतिशत पानी में भली प्रकार उबालें,और चुकन्दर को मसल कर उसी पानी में मिला दें,फ़िर उसे छानकर जितना सहन हो सके गर्म अवस्था में पी जावें,यह काम लगातार पथरी के निकलने तक करते रहना है,खाना खाते समय एक या दो खीरा जरूर खायें,इससे पथरी एक माह में टूटकर निकल जायेगी,लेकिन जब तक पथरी जरा सी भी रहती है तब तक इस उपचार को जारी रखना जरूरी है,कारण अगर पथरी का एक भी मामूली सा टुकडा रह जाता है,तो वह चुम्बक की भांति और बडा बनता चला जायेगा।

६.  प्याज लेकर उसे भली प्रकार से पीस लें,फ़िर उसे कपडे से निचोड कर रस निकालें,उसे खाली पेट सुबह को पीना चालू कर दें,कुछ समय उपरान्त वह पथरी बारीक टुकडों में तब्दील होकर निकल जायेगी।

७. जीरे को मिश्री की चासनी अथवा शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।

८. तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फ़ंसी पथरी निकल जाती है।

९. सूखे आंवले को नमक की तरह से पीस लें,उसे मूली पर लगाकर चबा चबा कर खायें,सात दिन के अन्दर पथरी पेशाब के रास्ते निकल जायेगी,सुबह खाली पेट सेवन करने से और भी फ़ायदा होता है।

१०. यदि मूत्र पिंड में पथरी हो और पेशाब रुक रुक कर आना चालू हो गया है तो एक गाजर को नित्य खाना चालू कर देना चाहिये,इससे मूत्रावरोध दूर होगा,और पेशाब खुलकर साफ़ होगा,पेशाब के साथ ही पथरी घुल कर निकल जायेगी।



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